उत्तराखंड की विधानसभा पर नगर निगम का 41 लाख का हाउस टैक्स बकाया
उत्तराखंड की विधानसभा ही हाउस टैक्स की बड़ी बकायेदार है। विधानसभा पर नगर निगम ने 41 लाख का हाउस टैक्स तय किया है अब इंतजार हाउस टैक्स की वसूली का है। पहली बार विधानसभा पर हाउस टैक्स तय किया गया है। यह खुलासा सूचना का अधिकार से मिली जानकारी में हुआ है। जिस विधानसभा में राज्य से जुड़ी योजनाओं या लोगों के हितों को लेकर विधेयक पास होते हैं उस विधानसभा में लाखों का टैक्स बकाया है।
मजेदार बात यह है कि अभी तक विधानसभा ने नगर निगम को एक रूपये का धेला तक नहीं दिया है। विधानसभा में हाउस टैक्स लगाने की प्रक्रिया 2016 में शुरू हो गई थी। तब से हर साल टैक्स तो लगता रहा लेकिन टैक्स का जोड़ कागजों में चलता रहा। एक बार भी नगर निगम की ओर से हाउस टैक्स की वसूली के लिए विधानसभा को नोटिस नहीं भेजा। हां ये जरूर है कि नगर निगम की ओर से हाउस टैक्स का बिल विधानसभा को भेजा था। जिसका जवाब आज तक नहीं मिला। जिससे विधानसभा से हाउस टैक्स की वसूली नहीं हो पाई है। विधानसभा पर 2016 से अब तक जो टैक्स बैठा है उसका खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत हुआ है। विधानसभा के टैक्स की फ़ाइल को निगम की अलमारी में बंद रखा गया। अब जाकर विधानसभा के हाउस टैक्स को असल स्थिति साफ हुई है।
विधानसभा पर इस तरह लगता रहा टैक्स
- साल 2016-17 में 6,69,323
- साल 2017-18 में 6,69,323
- साल 2018-19 में 9,07,659
- साल 2019-20 में 9,07,659
- साल 2020-21 में 9,07,659
आखिर कब होगी टैक्स की वसूली
नगर निगम ने बीते सालों मैं कई बड़े प्रतिष्ठान से लेकर सरकारी महकमों को नोटिस देकर हाउस टैक्स की वसूली की है। लेकिन विधानसभा से टैक्स वसूली के लिए निगम के अफसर नोटिस देने से बचते रहे हैं। खास बात ये है कि आमजनता, बस्ती के लोग टैक्स दे रहे हैं। तो विधानसभा को क्यों छोड़ा जा रहा है। जबकि सुविधाओं के नाम पर विधानसभा को सफाई आदि में वीआईपी ट्रीटमेंट नगर निगम की ओर से दिया जाता है और वो ही नगर निगम टैक्स की वसूली नहीं कर रहा है।