छात्रों की परीक्षा से पहले कॉलेजों का ‘इम्तिहान’
कोरोनाकाल में परीक्षाएं छात्रों की होनी है, लेकिन इससे पहले कॉलेजों को भी कड़े इम्तिहान के गुजरना पड़ रहा है। कॉलेज खोलने को लेकर जारी स्वास्थ्य विभाग की एसओपी ने कॉलेजों को मुश्किल में डाल दिया है। कॉलेजों में 19 सितंबर से फाइनल ईयर की परीक्षाएं होनी हैं। इसमें 55 साल से ज्यादा उम्र वाले कर्मचारी और छोटे बच्चों वाली महिलाएं नहीं बुलाई जानी हैं। ऐसे में परीक्षा कराना चुनौती भरा हो गया है।
डीएवी, एमकेपी, डीबीएस, एसजीआरआर पीजी कॉलेज समेत गढ़वाल विवि से संबद्ध कॉलेजों में 19 सितंबर से परीक्षाएं होनी हैं। हाल में कॉलेज खुलने को लेकर स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रभारी सचिव स्वास्थ्य पंकज पांडे ने एसओपी जारी की है। इसमें कहा गया है कि 55 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारी और 10 साल से कम उम्र के बच्चों वाली महिला कर्मचारियों को न बुलाया जाए। इस एसओपी के आते ही इस दायरे में आने वाले स्टाफ ने कॉलेज आने से मना कर दिया है। नौबत ये आ गई है कि करीब 50 प्रतिशत स्टाफ भी कॉलेज नहीं पूरा कर पा रहे हैं। जबकि इस बार परीक्षाएं संपन्न कराने के लिए कॉलेजों को अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत पड़ रही है। 19 सितंबर से परीक्षा हैं, ऐसे में कॉलेज प्रशासन इस बात से परेशान हैं कि कैसे परीक्षाओं की निगरानी और प्रबंधन होगा।
स्टाफ की कम से काफी दिक्कत होगी। 55 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारी या छोटे बच्चों वाली महिला स्टाफ की संख्या ज्यादा है, सभी ने आने से मना कर दिया है। ऐसे में जबरन उन्हें परीक्षा के लिए भी नहीं बुला सकते। बाहर से भी परीक्षा कराने के लिए लोग सौ रुपये प्रति पेपर के हिसाब से नहीं मिल सकते। कैसे प्रबंधन होगा इसे लेकर चिंतित हैं।
डॉ. वीसी पांडे, प्राचार्य डीबीएस पीजी कॉलेज
सरकार के निर्देश जारी होते ही 55 साल से ज्यादा उम्र के कर्मचारी और छोटे बच्चों वाले महिला स्टाफ ने आने से इंकार कर दिया है। अभी तो जैसे-तैसे मैनेज कर रहे हैं, लेकिन 19 से परीक्षाएं हैं। उसके लिए तो हर हाल में पूरा स्टाफ चाहिए होगा। इसके लेकर विचार किया जा रहा है कि कैसे पूरे स्टाफ को बुलाया जाए। परीक्षा मैनेज करने में काफी दिक्कत होने वाली है।